सस्यवेदः सस्य वेद: (पुरातन कृषि शास्त्र) - प्राचीन कृषि विज्ञान
सस्यवेदः सस्य वेद: (पुरातन कृषि शास्त्र) - प्राचीन कृषि विज्ञान
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📖 सस्यवेद | प्राचीन कृषि विज्ञान और वैदिक ज्ञान
"सस्यवेद" एक अद्वितीय पुस्तक है जो कृषि विज्ञान और खेती के प्राचीन वैदिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालती है। इसमें भूमि चयन, बीज की गुणवत्ता, बीज उपचार, बुआई, अंकुरण और फसल की परिपक्वता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया है। साथ ही यह मानव जीवन, पर्यावरण और कृषि के बीच गहरे संबंध को भी उजागर करती है।
लेखक ने श्री श्री रविशंकर जैसे आध्यात्मिक गुरुओं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर ऋषि कृषि (सस्टेनेबल एग्रीकल्चर) की अवधारणा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से इस शोध की शुरुआत की।
🌱 सस्यवेद पढ़ने के लाभ
✨ वैदिक भजनों और प्राचीन ग्रंथों के माध्यम से कृषि के महत्व को समझना।
✨ फसल उत्पादन, मिट्टी चयन और टिकाऊ खेती के तरीकों पर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करना।
✨ कृषि भूमि, जंगलों और पहाड़ों की रक्षा के महत्व को जानना।
✨ पर्यावरण-अनुकूल और सामंजस्यपूर्ण कृषि पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा लेना।
✨ यह पुस्तक किसानों, शोधकर्ताओं और प्राचीन कृषि ज्ञान में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
यह पुस्तक केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं देती, बल्कि ज्ञान का संकलन है जिसे सावधानीपूर्वक संकलित और प्रस्तुत किया गया है ताकि पाठक खेती और प्रकृति के प्राचीन संतुलन को समझ सकें।

