जैविक कवकनाशी - तरल | फफूंद भक्षक तराल
जैविक कवकनाशी - तरल | फफूंद भक्षक तराल
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🌱 फफूंद भक्षक (तरल) | तरल जैविक कवकनाशी
फफूंद भक्षक (तरल) एक बहुउपयोगी तरल जैविक कवकनाशी है, जिसे प्रतिफफूंदी सूक्ष्मजीव और परजीवी जीवाणुओं से तैयार किया गया है। यह न केवल फसल को हानिकारक कवकजनित रोगों से बचाता है, बल्कि मिट्टी में लाभकारी जीवों का सहजीवी वातावरण भी बनाता है, जिससे लंबे समय तक फसल की सेहत और मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है।
यह समाधान बीजजनित और मिट्टीजनित रोगों को खत्म करता है, भविष्य के संक्रमण को रोकता है और पौधों को स्वाभाविक रूप से मज़बूत बनाता है।
🌿 मुख्य विशेषताएँ
✅ विस्तृत कवक नियंत्रण → पिथियम, फ्यूजेरियम, राइजोक्टोनिया, एन्थ्राक्नोज़ और स्क्लेरोटियम जैसे रोगजनकों पर असरदार।
✅ सहजीवी वातावरण → लाभकारी जीवाणु और कवक को बढ़ावा देकर मिट्टी की उर्वरता सुधारता है।
✅ दीर्घकालिक सुरक्षा → बार-बार संक्रमण से बचाता है, पूरी फसल चक्र में फसल को रोग-मुक्त रखता है।
✅ बीज की सुरक्षा → बीजजनित रोगों को रोकता है, अंकुरण को मज़बूत करता है।
✅ जैविक और पर्यावरण सुरक्षित → मनुष्य, पौधों और पर्यावरण के लिए सुरक्षित।
💧 प्रयोग विधि
- किण्वन विधि: 500 ml फफूंद भक्षक (तरल) को 150–200 लीटर पानी + 1 किलो गुड़ में मिलाएँ। कम से कम 48 घंटे तक किण्वन करें और फिर छिड़काव करें।
- मिट्टी में प्रयोग: 500 ml फफूंद भक्षक (तरल) को गोबर की खाद/कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट में मिलाएँ। खेत की तैयारी के समय और फसल के दौरान दो बार प्रयोग करें। बागवानी फसलों में इसे जड़ सक्रिय क्षेत्र में डालें।
✨ फफूंद भक्षक (तरल) किसानों को देता है रासायनिक कवकनाशकों का प्राकृतिक विकल्प, जिससे मिट्टी बनी रहे उपजाऊ और फसल मज़बूत।

