उत्पाद जानकारी पर जाएं
1 का 1

गन्ध चिकित्सा किट

गन्ध चिकित्सा किट

नियमित रूप से मूल्य Rs. 540.00
नियमित रूप से मूल्य विक्रय कीमत Rs. 540.00
सेल बिक गया
शिपिंग की गणना चेकआउट के समय की जाती है।

गन्ध चिकित्सा 

नैनों टेक्नालॉजी का प्राचीन विज्ञान@हवन

उपयोग: प्रति चक्र 20 ग्राम का उपयोग करें


पदार्थ की समाप्ति केवल ब्लैक होल में होती है,इसके पहले वह केवल टूटता है।

पार्टिकल केवल नैनो होता है।
पदार्थ जैसे जैसे नैनो होता है वह अधिक पॉवरफुल और परफेक्ट हो जाता है।

पदार्थ नैनो में कैसे आता है समझे
👇
पेड़ की लकड़ी टूटकर छोटा टुकड़ा होता है यह टुकड़ा टूटकर कणों में,कण अणुओं में,अणु परमाणुओं में,परमाणु टूटकर इलेक्ट्रॉन, प्रोट्रान,न्यूट्रॉन में और ये टूटकर एनर्जी में कन्वर्ट होते है,
👇
लकड़ी के एक चने के बराबर टुकड़े में या पानी के एक बूंद में 20 tnt (टी एन टी) की ऊर्जा निकलती है और हिरोशिमा में जो एटम बम गिराया गया था वह 15 tnt(टी एन टी) की थी।

सोचिए पानी की एक बूंद में कितनी ऊर्जा होती है।

और ये ऊर्जा का हमे एहसास होता है क्या,
कतई नही।
क्यो
ये ऊर्जा पदार्थ में बंधी है,पदार्थ के अंदर है,
इसे निकालने के लिए हमे पदार्थ को तोड़ना पड़ेगा।
जैसे जैसे पदार्थ टूटेगा वैसे वैसे ऊर्जा निकलती है
और पूर्ण ऊर्जा 20tnt पदार्थ के पूर्ण टूटने से निकलती है।


मैंने इसे अग्नि में डालकर तोड़कर उपयोग करने का प्रयास किया है।

यह परम्परा हमारे ऋषियोँ ने हजारो वर्ष पूर्व ही शुरू करवा दिया है।
आम बोलचाल में इसे हवन कहते है।

मैंने इसे ही गन्ध चिकित्सा कहा है।

गन्ध चिकित्सा के अनुप्रयोग सबसे पहले मैंने अपने 17 से 20 अप्रेल 2017 भोपाल के अपने प्रशिक्षण में बताया था,तब से सभी प्रशिक्षणो में बता रहा हूँ, फसल उत्पादन,पशु स्वस्थ्य,दुग्ध उत्पादन, मानव स्वास्थ्य आदि में प्रत्यक्ष अनेक प्रयोग भी करवाये है।
आप अग्निहोत्र पात्र जैसे आकार के पात्र में गाय के गोबर के कण्डे जलाएं,पहले चार बून्द गाय का घी निम्न चार मंत्र(वेब्स निर्माण की प्रक्रिया) पूर्ण करके औषधीयों का हवन करें।

चार मन्त्र है👇

भू: स्वाहा,अग्नये इदं न मम

भूवःस्वाहा,वायवे इदं न मम

स्व: स्वाहा,सूर्याय इदं न मम

भूर्भुवःस्व:स्वाहा,प्रजापतये इदं न मम
ये चार बून्द घी हवन करने की प्रक्रिया को मंगल हवन भी कहा जाता है।
मानव हो या पशु या फसलों को स्वस्थ्य करना हो तो यह शुरू में यह मंगल हवन अवश्य करना है।

घी की इन चार आहुति के होते ही वातावरण कण्डे व घी के जलने के संयोजन के निकले हुए अनुकूल वायु एथिलीन ऑक्साइड, प्रोपलीन ओक्साइड,फार्मेल्डिहाइड से भर जाता है।

मैंने आपको बताया ही है कि वायु को अनुकूल करने का काम गाय का घी ही करता है।
सुगन्धिम पुष्टि वर्धनम
इन चार आहुति से सुक्ष्म पदार्थ प्राप्त करने का वातावरण तैयार हो जाता है। अब हमें गंध चिकित्सा किट में उपलब्ध सामग्रि से हवन करना है।

पूरी जानकारी देखें