ताराचन्द बेलजी कृषि तकनीकी (TCBT) में खाद्य उत्पादों को आदर्श वाक्य “जीवों जीवस्य जीवनम” के अनुरूप आदर्श पोषण प्रदान करते हैं जीवों जीवस्य जीवनम (जीवित चीजें आपस में जुड़ी हुई हैं) यदि खाद्य श्रृंखला टूट जाती है तो पूरा भोजन प्रभावित होता हैं। ताराचन्द बेलजी कृषि तकनीकी (TCBT) मिट्टी के पुनर्जनन में मदद करती हैं एवं पंच महाभूतों को शुद्ध एवं सजीव करती हैं जिससे रासायनिक खेती की तुलना में बहुत अधिक उत्पादकता प्राप्त होती है।
TCBT में दिए जाने वाले जैविक खादों के कारण उत्पाद उच्च स्तर की पौष्टिकता और षडरस युक्त स्वाद होता है।
- फसल में आयरन होगा तो इल्ली नही आएगी
- फसल में सल्फर होगा तो फंगस नही लगेगा
- फसल में जिंक होगा तो कोई भी वायरस का प्रकोप नही होगा
- फसल में तांम्बा, मैगनीज होगा तो बैक्टीरियल ब्लास्ट जैसी बीमारी नही आएगी
- फसल में कैल्सियम होगा तो रसचुसक कीट नही आएंगे।
उपरोक्त पोषक तत्वों की मिट्टी में सीधे प्राकृतिक रूप में पूर्ति के किये SOUL की टीम द्वारा मिटटी किट तैयार की गई हैं.
इस मिट्टी किट को खेत के जीवन चक्र मे एक बार ही डालना होता है, TCBT कृषि पद्धति में शनै शनै पहले 3 फीट से लेकर 20 फीट तक नीचे रेहने वाले केचुए आ जाते हैं जो नीचे के खनीज तत्वों को ऊपर लाते हैं, जिसे मिट्टी की उर्वरक शक्ति बनी रहती है
ये मिट्टी किट आपके खेत मे सभी प्रकार के सूक्ष्म पोशाक तत्वों की पूर्ति करते हैं, जिससे आपकी फसल स्वस्थ एवं उत्पाद पौष्टिक बनता है
विधि : रॉक मिट्टी ,जिप्सम, लाल मिट्टी, पीली मिट्टी प्रति मिटटी प्रति १ एकड़ एक टन एवं गोवर्धन खनिज खाद 0.2 टन प्रति 1 एकड़ खेत में बीज बोने के पहले डालकर हल्की जुताई करें.