नवरात्रि शुद्धता, नव ऊर्जा और शक्ति का पर्व है। जिस प्रकार हम माँ दुर्गा से शक्ति और समृद्धि की कामना करते हैं, उसी प्रकार हमें प्रकृति से भी प्रेरणा लेकर यह समझना चाहिए कि हमारी मिट्टी का स्वास्थ्य हमारी अपनी जीवन शक्ति से गहराई से जुड़ा है।
🌸 मिट्टी: जीवन की नींव
हमारे पूर्वज धरती को "धरती माँ" कहते थे। खेती में मिट्टी केवल धूल नहीं है, बल्कि यह जीवंत है और ऊर्जा से भरी हुई है। स्वस्थ मिट्टी में खनिज, सूक्ष्मजीव और एंज़ाइम मौजूद होते हैं जो फसलों को पोषण देते हैं। जैसे नवरात्रि का आध्यात्मिक बल हमें ऊर्जा देता है, वैसे ही मिट्टी की शक्ति हमें भोजन और जीवन देती है।
🌱 शुद्धता और संतुलन
नवरात्रि में हम सात्विक भोजन, स्वच्छ विचार और पवित्र वातावरण अपनाते हैं। उसी प्रकार मिट्टी भी तब फलती-फूलती है जब उसे रसायनों से मुक्त रखा जाए और प्राकृतिक तरीकों से पोषित किया जाए। जैसे भक्ति में संतुलन ज़रूरी है, वैसे ही मिट्टी की उर्वरता में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
🌿 नवीनीकरण और विकास
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना होती है, और हर दिन नई शक्ति का प्रतीक है। ठीक उसी प्रकार जब हम मिट्टी में प्राकृतिक खनिज और ऑर्गेनिक खाद डालते हैं, तो मिट्टी खुद को नया करती है और उपजाऊ बनती है।
🙏 धरती माँ को आशीर्वाद दें
जिस प्रकार हम नवरात्रि में माँ दुर्गा से आशीर्वाद माँगते हैं, उसी प्रकार हमें धरती माँ को भी आशीर्वाद देना चाहिए — उनकी देखभाल करके। ऑर्गेनिक खेती अपनाना, प्राकृतिक खाद का उपयोग करना और अधिक रसायनों से बचना छोटे-छोटे कदम हैं जो बड़ा बदलाव लाते हैं।
🌸 इस नवरात्रि, आइए हम अपनी आत्मा की तरह ही मिट्टी की भी देखभाल करने का संकल्प लें। जब हम धरती को पोषण देंगे, तो हमें स्वस्थ फसलें, शुद्ध भोजन और स्थायी भविष्य प्राप्त होगा।